कृषक की मौत का आरोप बैंक मैनेजर पर लगा

सहारनपुर। छुटमलपुर में एसडीएम देवेन्द्र पाण्डेय ने बैंक कर्ज में डूबे होने के कारण आत्महत्या करने वाले किसान वेदपाल सिंह के परिजनों से मिलकर सांत्वना दी। उन्होंने प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री के विवेकाधीन कोष से पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद दिलाने का आश्वासन दिया।


भाकियू ने भी मृतक किसान को मुआवजा देने एवं कर्जदार किसान पर दबाव बनाने के आरोपी बैंक अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की है। मृतक किसान की जेब से मिली पर्ची में मौत के लिये बैंक शाखा प्रबंधक व एक दलाल को जिम्मेदार ठहराया गया है।


गौरतलब है कि थाना फतेहपुर क्षेत्र के गांव अल्लीवाला निवासी वेदपाल सिंह पुत्र मेहर सिंह ने पीएनबी की स्थानीय शाखा से कर्ज ले रखा था। परिवार की आर्थिक स्थिति कर्ज को लौटाने की नहीं हो रही थी, जिसके चलते वह परेशान बताया जाता है। शनिवार की शाम उसने बैंक शाखा के सामने खड़े पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को नीचे उतारकर तलाशी ली तो उसकी जेब से मिले पत्र में उसने अपनी मौत के लिए बैंक शाखा प्रबंधक व एक दलाल को जिम्मेदार बताया था। रविवार को एसडीएम मृतक किसान के घर पहुंचकर परिजनों से मिले। उन्होंने मृतक के परिजनों को बताया कि चूंकि मामला आत्महत्या का है इसलिये सरकार की किसान की मौत के बाद मिलने वाली आर्थिक सहायता की योजनाओं के तहत तो मदद संभव नहीं है। उन्होंने परिवार को मुख्यमंत्री के विवेकाधीन कोष से आर्थिक सहायता दिलाने का आश्वासन दिया। भाकियू के जिलाध्यक्ष चौधरी चरण सिंह, कांग्रेस जिलाध्यक्ष मुजफ्फर अली, उत्तराखंड अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ विकास निगम के पूर्व निदेशक मो मुजतबा मलिक एडवोकेट ने मृतक किसान के परिवार को सरकार से मुआवजा देने और किसान पर कर्ज अदायगी के लिए अनावश्यक दबाव बनाने वाले बैंक कर्मियों व दलालों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है।